इसी तस्वीर से शुरू हुआ .....

 सुनयना ! 

सुनो न सुनयना !

तुमको एक बात है सुनाना,

और कुछ दिखा, याद है दिलाना,

इसी तस्वीर से शुरू हुआ .....

एक सिलसिला बहुत पुराना, 

पर सदबहार और सुहाना !

मैं और मेरी आवारगी 

आज तक उस बात को,

और इस तस्वीर को,

दिल में बसा-छिपा रखे है,

सुनो न सुनयना !

तुम भी किसी को मत बताना .....

                           - अभय सुशीला जगन्नाथ 




Comments

Popular posts from this blog

राधा-कृष्ण ! प्रेम के सात वचन !

परी-सुरसुन्दरी, अप्सरा-देवांगना

बिन फेरे हम तेरे