सोच हमारी, विचारों का जंजाल उसका ! प्रश्न हमारे, उत्तरों का कमाल उसका ! भावनाएं हमारी, आभास का मायाजाल उसका ! फ़िर हमारा क्या, चिप ? ...चिप हमारा, कोड AI का ! समझ हमारी, लेख उसका, आवाज़ हमारी, संवाद उसका, गीत हमारे, संगीत उसका, कहानी हमारी, पटकथा उसका, करम हमारा, कार्यक्रम उसका ! फ़िर हमारा क्या कंप्यूटर प्रोग्राम ? ...कंप्यूटर प्रोग्राम हमारा, अल्गोरिदम AI का ! अक्षर हमारे, स्वर उसका, शब्द हमारे, भाषा उसका, शिक्षा हमारी, शिक्षक उसका, छात्र हमारे, छत्रछाया उसका, पाठ्य हमारे, पाठक उसका, खोजबीन हमारे, खोज उसका, फ़िर हमारा क्या, डेटा ? ...डेटा हमारा, विश्लेषण AI का ! शरीर हमारा, आवरण उसका, स्वास्थ्य हमारा, भोजन उसका, बीमारी हमारी, दवा उसका, फ़िर हमारा क्या ? डॉक्टर ? ...इलाज हमारा, डॉक्टर AI का ! डेटा सेंटर के नए खेत खलिहान, क्लाउड की मिट्टी के नए चूल्हे, उस चूल्हे पर पका डिजिटल खाना, कंप्यूटर अल्गोरिदम का मायावी जमाना, नए AI ठाकुर का नया जमींदराना ! आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस AI सयाना... कितना आसान है ना मानव का, कंप्यूटर प्रोग्राम हो जाना ! और ठाकुर का AI सयाना... फ़िर भविष्य किसका ??? रचना...