हर वक्त मैं तनहा ग़ुज़ारता हूँ
अपने हिस्से का क़र्ज़ मै कुछ यूं उतारता हूँ,
तेरे हिस्से का हर वक्त मैं तनहा ग़ुज़ारता हूँ...
अब भी उन्हीं गलियों मैं और मेरी आवारगी
तेरी यादों की ख़ाक से हर लम्हा संवारता हूँ...
#Memories of #First #Love #Affair
#Pensive #Sad #Heartbreak #Song
तेरे हिस्से का हर वक्त मैं तनहा ग़ुज़ारता हूँ...
अब भी उन्हीं गलियों मैं और मेरी आवारगी
तेरी यादों की ख़ाक से हर लम्हा संवारता हूँ...
#Memories of #First #Love #Affair
#Pensive #Sad #Heartbreak #Song
मैं और मेरी आवारगी और किताब-ए-इश्क़
हर सफ़्हा पलट कर तेरा चेहरा निहारता हूँ
अपने हिस्से का क़र्ज़ मै कुछ यूं उतारता हूँ
अपने हिस्से का क़र्ज़ मै कुछ यूं उतारता हूँ
तेरे हिस्से का हर वक्त मैं तनहा ग़ुज़ारता हूँ
- अभय सुशीला जगन्नाथ
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