तेरी गली का सफर याद है मुझे


SS= Very nice
Very Nice,
Friend from paradise…

SS= Oh My God !
Oh My God !
Friend My Lord !

SS= How is your Son
My Son,
Your Son,
Friend's Son,
And the Daughters,
Inspirational, Motivational and Illuminating!
As SUN

SMD= क्या बात है
 फिर क्या बात है,
दोस्त
जो साथ है…

RPP= Very nice
 Very Nice,
Once, Twice & Thrice,
In Life, Who adds Spice,
“Friend”, Blessing in Disguise



RPP= Kyu gayub ho jate ho
 मेरी दोस्ती का हिसाब जो लगाओगे ,
मेरी दोस्ती को बेहिसाब पाओगे ,
दुनियादारी का हिजाब तो उतार कर देखो,
हमेशा दिल के करीब ही पाओगे

MR= तुम्हारा हम सभी के प्रति यह प्यार और स्नेह
दोस्त तो दरिया है,
दोस्ताना तेरा "सागर"
कह देना "सागर" से मेरी आवारगी,
दरिया
हैं, मिलने जरूर आएंगे !

SK= Nice to see you
After years,
Very nice to see you,
But it’s not years,
That makes life worthwhile,
It’s the memories that brings smile

AV= दूर रहकर भी तुम्हारी हर ख़बर रखतें हैं…!!
हम पास तुम्हें कुछ इस कदर रखते है…
खबर के नाम पर,
जहाँ तेरी ये नज़र है,
मेरी जान मुझे खबर है



AV= ये किताबी नहीं,
जीवनका गणित है …साहेब ,
यहाँ दो में से एक गया…
तो
कुछ नहीं बचता…
चाहे
जीवन साथी हो…
या
दोस्त।।।।
दोस्त शब्द, दोस्ताना अर्थ,
दोस्ताना बिन दोस्त व्यर्थ

AV= मौसम बदल रहा है
या
,
दस्तक है
तुम्हारे
आने की…
मौसम मौसम ,
लव्ली मौसम,
कसक
अंजानी ,
है मधम मधम,
चलो
घुल जाएँ ,
मौसम मे हम,
हवा
के झोंकों मे,
तेरी
खुश्बू सी है,
बेवजह
लगता है,
कोई
खुश खबरी है


AV= धड़कते रहेंगे तुम्हारे दिल के…
गहराइयों
में दिन रात हम…
जो
कभी खतम ना हो वो एहसास हैं हम…
ख़ामोश धड़कन में भी तेरे अहसास !
शायद बहुत कुछ कहती है ,
दोस्त कान लगाकर नहीं , दिल लगाकर सुनो!

AV= जगह देनी है तो अपनी रूह में दे…
यूँ
दिलों में तो बहुतो के बसते है हम

दोस्त को दिल नहीं रूह में रखा ,
बचपन से ये मेरी आदत ,
तू करता रहा " दिल्लगी",
मैं करता रहा " इबादत "

AV= दुनिया तेरे वजूद को करती रही तलाश ,
हमने तेरी तलाश को ही दुनिया बना दिया
तेरे वजूद में दोस्त
काश मैं यूं उतर जाऊं,
दोस्त देखे आइना,
और
मै नज़र आऊं…

AV= भटकने दे तेरी गलीयों में बनजारों की तरह,
आराम की जिंदगी भी तेरे बगैर बेजान लगती है…
तेरी गली का सफर याद है मुझे ,
मेरा सफर लाजवाब था ,
गली सुनी थी तेरी,
पर छत पर महताब था

                                        - अभय सुशीला जगन्नाथ

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