इबादत भी तू, खुदा भी तू ...

तू मंदिर, तू ही भगवान;
तू पूजा. तू ही स्नान   ;
तू खुदा, तू ही अज़ान,
इसलिए सुबह उठते ही,
बस दोस्त से दुआ सलाम,
इबादत हो जाती है मेरी ....

                    - अभय सुशीला जगन्नाथ

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पूजा भी तू, स्नान भी तू,
संध्या आरती भी तू,
सहरे अज़ान भी तू,
मंदिर भी तू, भगवान भी तू ,
दर्द भी तू, दवा भी तू,
साथ भी तू, जुदा भी तू,
इबादत भी तू, खुदा भी तू ...

                     अभय सुशीला जगन्नाथ

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Good things are always beautiful,
But some beauties are GOD 

गुदगुदी सी आप की उन्मुक्त हँसी,
कानो में आकर ठहाके लगाती रहती है,
मेरे आंसू रोकने की ये अदा भी क्या खूब है ...

                                        - अभय सुशीला जगन्नाथ

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किसी ने पुछा ,
कोई शहर से इश्क़ कैसे करता है,
मैने कहा,
एक बार ये जूनून तुम्हे,
ले आएगी बनारस में,
जिस्म से जान जुदा हो जब,
बस जाएगी बनारस में ...

                           - अभय सुशीला जगन्नाथ

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उठिये और देखिये,
सुबह का नज़ारा,
सुनिए अज़ान में ,
सलाम हमारा,
खुदा से बढ़कर जो है,
दोस्त हमारा ...

            अभय सुशीला जगन्नाथ

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मुस्कुराती सुबह,
गुनगुनाती शाम,
भेजता था रोज़ दोस्त सलाम ....
शायद इसलिए मुस्करा भी रहा हूँ,
कुछ गुनगुना भी रहा हूँ ....

                 अभय सुशीला जगन्नाथ

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सुबह की पूजा,
सुबह की अरदास,
सुबह की अज़ान,
मीरा का कृष्ण ,
और तुलसी का राम ... नाम बेनाम

                             - अभय सुशीला जगन्नाथ

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उषा की पहली किरण ,
शिखा से धरती की ओर,
आज जाना कौन है करता,
ज़िंदगी की भोर ,
प्रकाश चारों ओर

              अभय सुशीला जगन्नाथ

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अवध की शाम बीती ,
सुधाकर  मद्धम  हुआ ,
उदयन हुआ सनी ,
अमेयविक्रमा की इल्तज़ा ,
स्वर्ण स्वरूपा हो ज़िन्दगी ,
शिखा सी हो कामयाबी ,
उषा किरणों की यही दुआ ...

                       अभय सुशीला जगन्नाथ

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वो शख्शियत ही क्या ,
जिसे परखने की ज़रूरत हो,
शक्शियत तो तेरी ऐसी है ए दोस्त,
जिसकी हम दिन रात कसम खाते हैं

                                 अभय सुशीला जगन्नाथ

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दर्द भी तू, दवा भी तू,
साथ भी तू, जुदा भी तू,
सहरे अज़ान भी तू, संध्या आरती भी तू,
इबादत भी तू, खुदा भी तू ...

                      अभय सुशीला जगन्नाथ

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63-64 stair steps to Inspiring Sun,
88 the Numero SS, Someone Special,
33 the BB, Best Buddy,
Met again in 15th Millennium Year,
God's Voice, But with her Choice

                         - Abhay Sushila Jagannath

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आप क्या ,
खुदा भी हैरान है
देखकर इबादत मेरी,
कहता है कि मैं पाँच वक्त
और वो हर वक्त ?

             अभय सुशीला जगन्नाथ
       


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