मुस्कुराये, और चल दिए...

आप आये ,
मुस्कुराये,
और चल दिए,
जलाकर अनगिनत,
ख़्वाबों के दीये,
वही मुस्कान,
दिल में लिए,
मैं और मेरी आवारगी,
चल दिये,
उसी राह पर,
जो कभी तुमने बताया था,
हमारे ख्वाबों की,
मंजिल के लिए ,
जब कभी थक गए,
तो आपकी हसीन मुस्कान,
याद कर लिए,
मुस्कुराये,
और फिर चल दिए ...

                             - अभय सुशीला जगन्नाथ

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