जवाँ जवाँ


कभी फीका न पड़ेगा,
तेरा हुस्न,
उम्र दराज़ हो चाहे,
दोनों जहाँ,
खुदा की इनायत है तुझपे,
रवाँ रवाँ !
मेरी शायरी में तू हमेशा,
एक परी, एक अप्सरा,
जवाँ जवाँ ...

                    - अभय सुशीला जगन्नाथ



कभी फीका न पड़ेगा तेरा हुस्न,
उम्र दराज़ हो जाये चाहे दोनों जहाँ,
खुदा की इनायत है तुझपे रवाँ रवाँ
और मेरी शायरी में तू हमेशा जवाँ जवाँ

                                   - अभय सुशीला जगन्नाथ 

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