मुझमे ऐसा क्या ख़ास है

वो मुझसे कहते हैं,

मुझमे ऐसा क्या ख़ास है,

जो हर वक़्त तुझे,

मुझसे ही मिलने कि आस है,

मैने कहा,

उनसे जाकर अपनी कमी पूछ,

जिनके नहीं तू पास है,

शायद वो भी यही कहेंगे,

ज़िंदा रहने के लिए जैसे,

ज़रूरी हर सांस है,

वैसे ही तू भी खास है !

           - अभय सुशीला जगन्नाथ  




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