आरज़ू ख्वाब चाहत जूनून तमन्ना ख़्वाहिश यकीन
तेरी ही आरज़ू, तेरा ही ख्वाब,
अब इस दिल में रहता नहीं कोई और
तेरी चाहत, तेरा जूनून,
नहीं मिलता मुझे अब सुकून,
उस एक पल की तमन्ना,
उस एक पल की ख़्वाहिश,
दिन रात करती मेरी ये जुदाई
कि जब हम मिले,
ये क़ायनात भी चुप,
मैं भी चुप, तुम भी चुप
बोलेंगी बातें करेंगी,
सिर्फ तेरा दिल मेरी धड़कन
एक हो हम ये आरज़ू ज़रूर है,
एक हैं हम ये यकीन खूब है ...
अब इस दिल में रहता नहीं कोई और
तेरी चाहत, तेरा जूनून,
नहीं मिलता मुझे अब सुकून,
उस एक पल की तमन्ना,
उस एक पल की ख़्वाहिश,
दिन रात करती मेरी ये जुदाई
कि जब हम मिले,
ये क़ायनात भी चुप,
मैं भी चुप, तुम भी चुप
बोलेंगी बातें करेंगी,
सिर्फ तेरा दिल मेरी धड़कन
एक हो हम ये आरज़ू ज़रूर है,
एक हैं हम ये यकीन खूब है ...
Comments
Post a Comment