Aashiqui 17th Aug 1990

30 Years of Aashiqui ! 
17th August 1990-2020

Emotional !
Exceptional !
Remarkable !
Incomparable !
Incredible !

= =Awesome Movie= =

=अद्भुत बंद्धउ निःशब्द
हर जख्म दिल का तुझे दिल से दुवा दे,खुसिया तुझे गम सारे मुझको खुदा दे।
तुझको भुला न पाया,,,,,,,,,,,,,=

पहली मोहब्बत का अहसास है तू ...

Feelings of first love are you,
Believe me dear !
You are last too ...

=Remarkable and most memorable...
We all are touched with our golden era (teen age) with Rahul and Anu.
Started feeling young, with self consciousness on looks. Thanks to DLW Cinema Hall for this colourful moment. Love you Abhay for reminding us.=

जानम जाने जान ,
जानम जाने जहां,
जाने जिगर जाने मन,
मुझको है तेरी कसम ...
by " सागर "
and
अब तेरे बिन जी लेंगे हम
ज़हर ज़िन्दगी का पी लेंगे हम
by बाबा 
and Last but not least evergreen voice and singing by V....
बस एक सनम चाहिए आशिक़ी के लिए
are still my best memories and refreshing moments of KV Friends 

=धीरे से लबों पर पिघला है यह सवाल...
तुम ज्यादा हसीन हो .. .
या तुम्हारा ख्याल.....!!!!
न वो आ सके न हम कभी जा सके,
न दर्द दिल का किसी को सुना सके,
बस बैठे है यादों में उनकी,
न उन्होंने याद किया और न हम उनको भुला सके ! =


=बंद्धउ खड़खड़ा दिए वी खिड़की जो साडियो से बंद थी।=

==HMMMMMM==

=लगता है कुछ प्रेम अधूरा रह गया था=

अहम् नहीं मज़बूरी थी,
ना तू बेवफा, ना मैं बेवफा,
एक दूजे के लिए,
बेबस वफ़ा ही पूरी थी, बावफा !

करने में एक दूसरे की भलाई,
हो गयी बस तेरी मेरी जुदाई !
___

तेरे बचपन की धुन पर दूँ मैं साज़
तेरी मौसीक़ी पर दू मैं आवाज़,
तेरी आशिकी में चल ए आशिक़,
फिर गलियों की आवारगी कराऊँ तुझे आज
___

खुदा से रूठे तो साकी से इश्क़ फरमा बैठे,
मुझे छोड़ कर तुम ये क्या कर बैठे,
अभी भी देर नहीं हुयी ऐ मेरे दोस्त !
चल चर्चा शुरू करते हैं,
उस बेवफा इश्क़ की,
जो कुल्हड़ की चाय छोड़,
तुम जाम से दिल लगा बैठे,
एक हाथ में चाय होगी,
और दूजे हाथ में सिगरेट,
बुनेंगे कुछ शेर-ओ-शायरी,
उसी पेड़ के नीचे वाली टपरी पर,
फुर्सत में बैठे बैठे !

GURU 😉
चर्चे तो हमने भी आपके खूब सुने,
इश्क़ में जाने कितने ख्वाब बुने 😉
___

आपके इस मौशिकी के अफ़साने,
और आशिक़ी के जमाने,
एक तुम ही नहीं थे दीवाने !
जाने और भी हैं कितने...
मस्ताने और परवाने

==याद आ गया वो गुज़रा ज़माना ==

दिल की तन्हाई,
उनकी जुदाई,
मेरी शायरी,
या ख़ुदा की रुबाई !

==ओह वाह वाह ==

कुछ और दीवाने ने अर्ज़ किया है , ऊपर वाली चाय और कुल्हड़ में

ए दोस्त चल !
सिगरेट के धुएं का एक छल्ला बना,
और उस आसमानी चाँद की ओर,
बेफिक्री से सारे फिक्र उड़ा,
मैं और मेरी आवारगी भी,
एक हाथ में कुल्हड़ की चाय,
और दूजे हाथ में सिगरेट लिए,
तेरी उन खूबसूरत यादों को,
हवा में बिखरते देखेंगे,
उसी टपरी पर बैठे बैठे !
और आसमान की ओर देख सोचेंगे,
तुम चाँद से और हम सूरज से,
क्यों ये दिल लगा बैठे,
बेवजह इश्क़ फरमा बैठे ! 

=इस दिल को किसी की आस रहती है,
निगाहों को किसी सूरत की प्यास रहती है,
तेरे बिना किसी चीज़ की कमी तो नही,
पर तेरे बेगैर जिन्दगी बड़ी उदास रहती है..=

कल फिर तेरी खुमारी में,
ये रात यूँ कटी,
तेरे संग बिताये लम्हो से,
यादो की बदली छंटी,
तेरी उन्मुक्त हँसी,
और ये रात की तन्हाई,
उस गुज़ारे पल की खुशियों से,
मैं और मेरी आवारगी,
कुछ लम्हात उधार ले आये,
तो मेरे गम-ए-दिल की तन्हाई से,
दर्द -ए-गम की बदली छटी,
क्यूंकि उन यादों में,
फिर तू बिना बात मुस्कुरायी,
फिर तू खुल कर हँसी !

=भाई क्यों पुराने जख्म कुरेदने पर तुले हो वैसे ही सालों लग गए मरहम पट्टी करने मे,कहा जाना था कहा चले आये अच्छा होता भगवान ने दिल ही न बनाया होता तो दिमाग तो चैन से रहता दोनो को देके ऊपरवाले ने खुद से खुद को लड़वा के मज़ा लेने का कार्यक्रम बना रखा है।

बंद्धउ न जाने कितनों का जागरण इश्क के सहारे हुवा होगा दैवीय शक्ति का अनुभव का भी यही रास्ता है बडे भाग्य से ईश्वर चुनता है अपने पसंदीदा बालको को ये अनुभव देने के लिए जिसपर उन्हें नाज़ होता है कि ये बालक आगे चल के अपने अनुभव से लोगो का मार्गदर्शन करेंगे और विश्वाश की कड़ी बनाये रखेंगे।=

तमन्ना तो आते जाते रहेंगी,
कुछ पूरी होंगी,
कुछ की कसक रहेगी,
पर वो हसीन ख्यालात,
और उन खयालातों में आपका साथ,
ता उम्र हम सजा के रखेंगे,
वो लम्हात,
ज़िन्दगी भर जो तुमने दिया,
दोस्त, दोस्ती और दोस्ताना,
मेरा बहुमूल्य सौगात !
उसके आगे,
अधूरी तमन्ना की क्या बिसात !

=मित्र सुदामा को कृष्ण ने ही इस लायक बनाया जो उन्हें आज तक याद किया जाता है बाकी आप जैसे मित्र जन्मों के सौभाग्य से मिलते है ईश्वर की बड़ी कृपा के रूप मे बाबा विश्वनाथ को इसके लिए पल पल धन्यवाद।=

तेरी दुआओं का गज़ब का असर है,
दुआ तो मेरे लिए है,
शुकरगुज़ार मगर पूरा शहर है
Always Cherish your Friendship

=इल्जाम तो दे दिया तुमने.
दीवानगी का हमें
आईना देखकर बताओ
दीवाना किया किसने.=

मत कर आईने को बदनाम,
दिल बुरा मान जाता है नादान,
मुझे सिर्फ तेरे सीरत से ही नहीं इश्क़ है,
सूरत में भी तो तेरे खुदा का अक्स है !

=गुफ़्तगू-ए- बनारस सी बात बढ़ेगी ..
कुछ हम कहेंगे, चुपके से शाम सुनेगी ।
सिलसिला शुरू हो मोहब्बत का,
एक पल ठहरो जाने जाँ ..!
तुम कॉफ़ी पिओगे या चाय चलेगी ??=






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