तमन्ना

सर रख कर पूछा - "मै कब पूरी होउंगी?"
जिंदगी ने हँसकर कहा-
"जो पूरी हो जाये,
वो तमन्ना ही क्या!"
तमन्ना तो आते जाते रहेंगी,
कुछ पूरी होंगी,
कुछ की कसक रहेगी,
पर वो हसीन ख्यालात,
और उन खयालातों में आपका साथ,
ता उम्र हम सजा के रखेंगे,
वो लम्हात,
ज़िन्दगी भर जो तुमने दिया,
दोस्त, दोस्ती और दोस्ताना,
मेरा बहुमूल्य सौगात !
उसके आगे,
अधूरी तमन्ना की क्या बिसात !
- अभय सुशीला जगन्नाथ
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