बेक़रार-इंतज़ार-Reply

वो भी क्या दिन थे,
जब वो छुप छाप कर,
कॉल किया करते थे,
अब तो वो हिड्डेन मोड में,
FB पर भी चुप चाप,
मिस करा, निकल लिया करते हैं !

बेक़रार,
तेरे इश्क़ की चाह में,
कभी बैठा,
कभी उठा,
कभी लेटा,
और करता रहा,
इंतज़ार !

  - अभय सुशीला जगन्नाथ 

डरती हूँ हर बार कि ना आऊं
पर फिर तेरे साथ,
वक़्त को ठहराने की क़शिश
खींच लाती है मुझे,
कि शायद ये पल लौट के ना आये
और मैं यादों के धागे में,
कुछ मोती पिरोने से ना चूक जाऊँ...

====क्यों डरती हो जान,
I am always with you====


-- दिल में गहराई तक उतर गयी
बस यूँ ही जो तुम ने कहा,
आजा मैं तुझे भी कुछ सुनाऊँ


एक एक पल जो तेरे साथ होती हूँ
आगे कि ज़िन्दगी के लिए,
यादों कि सौगात जोड़ती हूँ
तुम इतने पास आ गये हो
कि डर लगता है,
तेरे खोने का मुझे ....

====बहुत ही प्यारी ====

-- कहीं नहीं जाऊंगा
बस आवाज़ दे देखना
फिर वहीँ लौट आऊंगा


तुम जानते हो,
मैं आवाज़ नहीं दे पाती,
ऐसे बंधन में बंधी हूँ,
कि तुम्हे छु भी नहीं पाती

====तुझे तो पता है मुझे_ _ _ ====

====So Sweet ना 
मुझे याद नहीं ====

-- आवाज़ नहीं भी देगी,
तब भी मैं आ जाऊंगा ,
तुझे छोड़ कर जान मेरी,
अब मैं कहा जाऊंगा,

आज फिर
तुम पर प्यार आया है
बेहद और बेहिसाब आया है

====Always always always for u====



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