कोई ना कायल है

तू कहती है, 
अब मुझे, मैं ही अच्छी नहीं लगती,
ना ही, अब मेरा कोई भी कायल है, 
सुन सुनयना, सुन ऐ सपना,
तू सुन्दर नहीं, अति सुन्दर है,
तू तो खूबसूरत ख्वाबो की भी,
एक अनसुलझी, अधूरी कल्पना है,
ज़रा नक़ाब-ए-ब्लॉक हटा कर तो देख,
कितने तेरे लॉक्ड प्रोफाइल पर ही घायल हैं 
रुग्गड जीन्स से तो बस एक झलक दिखा है,
लोग तो अब तेरे, हॉट से भी हॉट,
शॉर्ट से भी शॉर्ट, शॉर्ट्स के लिए पागल हैं 
या खुदा नज़र न लगे हुस्न-ए-जाना को,
जा काला टीका कर ले, 
घर में तेरे गर काजल है,
पर ये क्या ?
ले अब तो और सबके कत्ल का,
एक सामान तैयार हो गया,
काले टीके संग हुस्न पर,
अल्लहड़ता से गिरता हुआ जो,
काली ज़ुल्फ़ों का बिखरा आँचल है,
इसलिए ही तो खतरे की घंटी खनका रहा,
हॉट शॉर्ट्स के ऊपर एक करधनी,
और पैरो में दो-दो कातिलाना छागल और पायल है   

                                             - अभय सुशीला जगन्नाथ 


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