कितनी खूबसूरत है तू

कितनी खूबसूरत है तू,
लोग भला क्या जाने,
अभी तक तो सुनाये होंगे सबने,
ख्वाबो से हसीन अफ़साने,
मेरी आँखों मे अब देख हकीकत,
आ बैठ कर आज मेरे सिरहाने,
पहली नज़र में यूं ही नहीं,
हुए हैं हम भी दीवाने,
जन्नत से जैसे अप्सरा उतरी,
शीतलता कोमलत और सुंदरता की,
दुनिया को परिभाषा बताने,
अब इसी शमा संग मैं भी जलूंगा,
जैसे जलते हैं पागल परवाने,
कभी कभी,
तेरी खिलखिलाते बातों के बहाने,
कभी कभी,
तेरी सुनयना आंखों के बहाने ...

                         - अभय सुशीला जगन्नाथ 


        

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