माँ और पिता

ज़िन्दगी की कड़ी धूप में,

मात-पिता छांव स्वरूप हैं,

एक में माँ और एक में पिता,

स्वयं इश्वर-अल्लाह प्रारूप हैं ..
.
अपनी आँखों मे ध्यान से देखो,

उनमे वही तो सुंदर रूप है.....

                 - अभय सुशीला जगन्नाथ


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