कर्ज़दार-ए-मोहब्बत
हमारी तुम्हारी कुछ पन्नों की किताब है
है हिसाब कुछ दूरियों का,
बाकि इश्क़ बेहिसाब है
- ......
जानती हो
मैं प्यार क्यों करता हूँ बेहिसाब
क्योंकि मुझे पता है
जिस दिन होगा मोहब्बत का हिसाब
मुझे कर्ज़दार बताएगी
तेरे इश्क़ की किताब
- अभय सुशीला जगन्नाथ
जानती हो
मैं प्यार बेहिसाब क्यों करता हूँ,
क्योंकि मुझे पता है
जिस दिन इश्क़ का हिसाब हुआ,
कर्ज़दार भी मैं ही नुकलूँगा
- अभय सुशीला जगन्नाथ
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