बारिशों का पानी, छोटी सी कहानी

सावन के काले बादलों सी,

तेरे ज़ुल्फ़ों सी रवानी,

रिमझिम बारिशों का पानी,

याद आयी एक छोटी सी कहानी,

खूबसूरत छोटी सी कागज़ी नाव,

आवारा हवा मदमस्त मांझी,

ख्यालात-ए-इश्क़ की बूँदें,

तुझे छत पर भिगो रही हैं,

और मैं नीचे भीग रहा हूँ....

उसी गली की उसी छत पर,

एक बार तू फिर से आ,

पर इस बार, मुझको नहीं !

मेरी रूह को भिगो जा....

                 - अभय सुशीला जगन्नाथ 

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बारिशों का पानी,

छोटी सी कहानी,

खूबसूरत कागज़ी नाव,

आवारा हवा मदमस्त मांझी,

ख्यालात-ए-इश्क़ की बूँदें,

तुझे छत पर भिगो रही हैं,

और मैं नीचे भीग रहा हूँ....

उसी गली की उसी छत पर,

एक बार तू फिर से आ,

पर इस बार, मुझको नहीं !

मेरी रूह को भिगो जा.... 

                       - अभय सुशीला जगन्नाथ 



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