वही पुराना....दिलकश ज़माना
तुझे देख दिल कह रहा है,
चल शुरू करें वही बीता अफसाना,
शाम की मौशिकी से शुरू करेंगे,
फिर से एक खुशनुमा शाम बिताना,
और नैना चार कर याद करेंगे,
तेरी आशिक़ी और अपनी दीवानगी का,
इश्क़ और मोहब्बत भरा,
वही पुराना....दिलकश ज़माना
- अभय सुशीला जगन्नाथ
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