अक्सरहां रोज़ाना
उसको वो पुरानी दिखती है, अक्सरहां
मुझे वो नयी सी लगती है, रोज़ाना
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मुझे वो नयी सी लगती है, रोज़ाना
बिलकुल अलग !
सबसे जुदा !
सबसे सुन्दर !
- अभय सुशीला जगन्नाथ --------------------------------------------------
उसको वो पुरानी दिखती है, अक्सरहां
मुझे वो नयी सी लगती है, रोज़ाना
बिलकुल अलग !
सबसे जुदा !
सबसे सुन्दर !
- अभय सुशीला जगन्नाथ
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अइय्यो !
चिन्ममा !
कुचि कुचि,
रकम्मा !
पास आयी ना,
एक प्यारी प्यारी गुड़िया,
दे दो ना,
सारा जहाँ सोया नहीं,
चाँद अभी खोया नहीं
- अभय सुशीला जगन्नाथ
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सब तूने दिया,
मेरा क्या है,
मेरा इस जहाँ में,
तू ही खुदा है !
- अभय सुशीला जगन्नाथ
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