अक्सरहां रोज़ाना

उसको वो पुरानी दिखती है, अक्सरहां 
मुझे वो नयी सी लगती है, रोज़ाना 
बिलकुल अलग !
सबसे जुदा !
सबसे सुन्दर !
                              - अभय सुशीला जगन्नाथ 

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उसको वो पुरानी दिखती है, अक्सरहां 
मुझे वो नयी सी लगती है, रोज़ाना 
बिलकुल अलग !
सबसे जुदा !
सबसे सुन्दर !

                       - अभय सुशीला जगन्नाथ 
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अइय्यो !
चिन्ममा !
कुचि कुचि,
रकम्मा !
पास आयी ना,
एक प्यारी प्यारी गुड़िया,
दे दो ना,
सारा जहाँ सोया नहीं,
चाँद अभी खोया नहीं 

 - अभय सुशीला जगन्नाथ 

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सब तूने दिया,
मेरा क्या है, 
मेरा इस जहाँ में, 
तू ही खुदा है !

                  - अभय सुशीला जगन्नाथ   







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