सजी नही बारात तो क्या, आई ना मिलन की रात तो क्या ब्याह किया तेरी यादो से, गठबंधन तेरे वादों से बिन फेरे हम तेरे, बिन फेरे हम तेरे हो बिन फेरे हम तेरे, बिन फेरे हम तेरे तूने अपना मान लिया है, हम थे कहा इस काबिल जो एहसान किया जान देकर, उसको चुकाना मुश्किल देह बनी ना दुल्हन तो क्या, पहने नही कंगन तो क्या बिन फेरे हम तेरे, बिन फेरे हम तेरे हो बिन फेरे हम तेरे, बिन फेरे हम तेरे तन के रिश्ते टूट भी जाए, टूटे ना मन के बंधन जिसने दिया मुझको अपनापन, उसीका है ये जीवन बाँध लिया मान का बंधन, जीवन है तुझ पर अर्पण बिन फेरे हम तेरे, बिन फेरे हम तेरे हो बिन फेरे हम तेरे, बिन फेरे हम तेरे आँच ना आए नाम पे तेरे, खाक भले ये जीवन हो अपने जहाँ मे आग लगा दे, तेरा जहाँ जो रौशन हो तेरे लिए दिल तोड़ ले हम, घर क्या जाग छोड़ दे हम बिन फेरे हम तेरे, बिन फेरे हम तेरे हो बिन फेरे हम तेरे, बिन फेरे हम तेरे जिसका हमे अधिकार नही था, उसका भी बलिदान दिया भले बुरे को हम क्या जाने, जो भी किया तेरे लिए किया लाख रहे हम शर्मिंदा, रहे मगर ममता ज़िंदा बिन फेरे हम ते...
Comments
Post a Comment