मनावे ली तीज ! मनाती है तीज !

माटी के सोन्ह खुशबू,
आउर गाछ के गझिल छांव,
अरिया प एगो मंदिर,
आ सरजू-गंगा में नांव,
तनिके दूरिया प पड़ेला,
एगो छोटहन पड़ाव,
ऊँहवे शिउवा बहु परवतिया के,
सुहागिन सखिया गोल घेरा बनाव,
मनावे ली तीज,
उनकरे प बेलपत्तर आ फूल चढ़ाव...
सोहलो श्रृंगार, हाथे मेहंदी,
आ लाल अलता रंगल पांव...
हमरे गऊंवा जइसन बा का जी,
रउओ लोगन के सुनर गाँव ! भोजपुरी से हिंदी / Bhojpuri to Hindi

मिट्टी की खुशबू, और घने पेड़ों की छांव,
तट पर एक मंदिर,
सरयू-गंगा में नांव,
और बस कुछ ही दूर,
एक छोटा सा पड़ाव,
वहीं पार्वती की सुहागन सखियां,
बनाकर गोल-गोल घेराव,
मनाती है तीज,
शिवजी पे बेलपत्तर-फूल चढ़ाव,
सोहल श्रृंगार, हाथों में मेहंदी,
और लाल अलता से रंगे पांव,
मेरे इस गाँव जैसा ही है क्या,
तुम्हारा भी वो सुंदर सा गाँव ! - अभय सुशीला जगन्नाथ



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