मनीष " सोनू " दुबे-राय , तीनों का " बाग़ी "
मनीष !
(घर के नीचे से ही बालकनी की तरफ मुँह कर आवाज़ देता)
आंटी नमस्ते ! मनीष है ?
= सोनू ! अभय आया है !
आप भी , सोच रहे होंगे, बुलाया एक को, और आएंगे दो लोग !
जी, दो लोग, एक बार इस लाइन/स्क्रिप्ट को मैं जलाली-पट्टी, डी०एल०डब्ल्यू में आवाज़ लगाता,
और दूसरी बार ईस्ट कॉलोनी, उसी डी०एल०डब्ल्यू० रेलवे कॉलोनी, बनारस में !
अब दो जगह आवाज़ लगाई तो दो ही लोग आएंगे न, भले ही दोनो जगह मेरी और आंटी लोग की लाइन/स्क्रिप्ट एक हो !
" सोनू ! अभय आया है ! "
ये आवाज़ जेहन में अक्सर गूंजती है, आज भी ! वो भी दो स्वर-ध्वनि में , दो आंटियों की, माता सरोजनी जी और माता मंजू जी की !
जलाली-पट्टी में मिलता था ! सोनू उर्फ Manish Dubey!
ईस्ट कॉलोनी में मिलता था ! सोनू उर्फ Manish Rai !
अब ये इत्तेफ़ाक़ था या क्या, मुझे नही पता, पर दोनो का नाम सोनू और दोनो मेरे अज़ीज़ !
दोनो का घर का निक नाम और स्कूल का नाम एक ही था, बस सिर्फ यही एक समानता नहीं थी दोनो की आपस में
एक और समानता थी...
दोनों को भगवान का दिया अद्भुत आवाज़,
सुन लीजिएगा तो आप भी फैन हो जाएंगे,
मैं तो बचपन से , दोनो का जबर वाला पंखा हूँ, जो स्कूल के डेस्क से लेकर अपीने स्टोर रूम तक, इन दोनों के इर्द -गिर्द घूमता और गाने सुनता आया हूँ...
दोनो की तस्वीर के साथ दो आवाज़ में मैंने गाना क्यों लगाया, और यही दो गाना क्यों लगाया, चलिए अब उसपर बात करते हैं...
पहला अमित कुमार का
" मांग तेरी सजा दूँ मैं, आजा बिंदिया लगा दूँ मैं,
लाली चुनरी ओढ़ा दूँ मैं, तुझे दुल्हन बना दूँ मैं ! "
और दूसरा अभिजीत का स्लो वर्ज़न
" सपनों में देखा जिसको, वो रूप सामने आया,
जिसे दुआओं में मंगा था आज उसी को पाया "
1990-91 का केंद्रीय विद्यालय और नए नए नवयौवन पर पैर रखते ही गाने-बजाने का शौक, हम लोगों पर भी चढ़ा, और अक्सर हम लोग फ्री क्लासेज और इंटरवल में गाना-बजाना करने लगते...
अब क्योंकि, हम लोग, के पास सिवाय डेस्क के और इंस्ट्रूमेंट बॉक्स के और कोई वाद्ययंत्र नहीं होता था,
तो मैं इन दोनों को गानों के सैड या स्लो वर्ज़न ही गाने को बोलता, जिनमे इन दोनों की आवाज़ और भी कर्णप्रिय लगती थी, एकदम रूहानी !
कहने को हम लोग 8वीं और 9वीं में थे, पर दोनो की खुली हुई आवाज़, सचमुच में वरदान थी, और ऊपर से बाग़ी के गाने, हम तीनों का फेवरेट !
बाग़ी के गानों से एक बात और याद आयी, पोस्ट में मैंने जो दो गाने लगाए हैं, एक अभिजीत की आवाज़ में है और एक अमित कुमार की , इनसे और बाग़ी से जुड़ी एक और मजेदार कहानी बताता हूँ...
असल मे बाग़ी के सभी गानों को अमित कुमार द्वारा ही गाया जाना था,
परंतु " कैसा लगता है " और "टपोरी" की रिकॉर्डिंग के बाद अमित कुमार, लापरवाही में रिकॉर्डिंग पर आना बंद कर दिए...
तब आनंद मिलिंद ने अभिजीत से पहले " चाँदनी रात है, तू मेरे साथ है " गाने को कहा,
और फिर, अभिजीत का सिर्फ ये सुपरहिट कालजयी गाना ही रिकॉर्ड नहीं हुआ, बल्कि बाकी के सारे गाने भी अभिजीत ने ही रिकॉर्ड किये...
चाहे वो ,
" हर कसम से बड़ी है, कसम प्यार की "
या फिर,
" एक चंचल शोख़ हसीना, मेरे सपनों में आये "
अभी एक साल पहले, दशहरा के एक लाइव कार्यक्रम में अभिजीत ने भरे मंच पर अमित कुमार से, आनंद-मिलिंद की मौजूदगी में ये बात स्वीकारी, और अमित कुमार ने फेसबुक पर पोस्ट भी किया...
" आपकी वजह से मुझे ये गाना मिला क्योंकि आप रिकॉर्डिंग पर नहीं आये और मेरा कैरियर बन गया = अभिजीत "
ये बात सच है, अभिजीत का मेरा आल टाइम फेवरेट बाग़ी के तीनों गाने हैं, और तीनों ही गाने सुनकर आप यकीन नही कर सकते, कि एक ही गायक, अलग अलग स्टाइल में कैसे गा सकता है !
शायद इसलिए ही, ऐसे गायक की आवाज़, इतिहास बन जाती है, और हमेशा उनके गाने, सुने और गाये जाते हैं !
मेरा, और मनीष " सोनू " दुबे-राय , तीनों का " बाग़ी " उन दिनों फेवरेट कैसेट बन गया, स्पेशली पोस्ट में लगा, दोनो गाना !
मेरे जेहन में आज भी बाग़ी के साथ साथ और भी अन्य फिल्मों के गाने, दोनो की आवाज़ ने गूंजते रहते है...
आप लोगों को कभी दोनो मिल जाएं, तो बाग़ी के ये गाने उनकी आवाज़ में सुनियेगा
इनकी गिफ्टेड आवाज़ का जादू आपको तब समझ मे आएगा
दोनो द्वारा, गाये, किसी गाने संग आवारगी,
कभी किसी और दिन, आज तो ,
चंचल शोख़ हसीना संग,
मनीष दुबे का जन्मदिन मनाते...
मैं और मेरी आवारगी !
#Happy #Birthday ! बाबा मनीष दुबे !
एंड मनीष राय ... You are Awesome,
You both are real GEM !
और भाभी Archana Dubey & Aparna Murti जी, शायद बचपन से आप लोगों के लिए ही ये दोनों इतनी गहराई में उतार कर ये गीत गाते थे...
True Soulmates !
इसलिए आपका भी होना ज़रूरी है ,
अब आप दोनों के लिए,
क्या लिखूं, क्या कहूँ !
खुदा भी देख जिन्हें कहता,
बस देखता ही रहूँ !
https://www.youtube.com/watch?v=EqWnNaieF9Q
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