तलब ताल डिंपल

तेरे इश्क़ में मिला, हर एक गम,
इतना ज्यादा होगा, इसका कुछ अंदाज़ा न था...

तलब ताल डिंपल की, झील सी गहराई में,
डूब उबर न पाओगे, तुम्हे भी इसका अंदाज़ा न था..

                                                        - अभय सुशीला जगन्नाथ


तेरे इश्क़ में मिला, हर एक गम,
इतना ज्यादा होगा, इसका कुछ अंदाज़ा न था,

उन्होंने मुस्कुरा कर कहा ;अब मुझे क्यों इलज़ाम देते हो,

मेरे खूबसूरत तलब ताल डिंपल,
और आँखों की झील सी गहराई का,
डूबने से पहले, तुम्हे ही इसका अंदाज़ा न था

                                                               - अभय सुशीला जगन्नाथ  


तेरे इश्क़ में मिला, हर एक गम,

इतना ज्यादा होगा, इसका कुछ अंदाज़ा न था... तालाब ताल डिंपल की, झील सी गहराई में, डूब उबर न पाओगे, तुम्हे भी इसका अंदाज़ा न था..

Comments

Popular posts from this blog

राधा-कृष्ण ! प्रेम के सात वचन !

परी-सुरसुन्दरी, अप्सरा-देवांगना

बिन फेरे हम तेरे