अब नींद आये या ना आये

अब नींद आये या ना आये, ना गिला-शिकवा न मलाल,

नींद आ जाये तो तेरे ख्वाब, नींद ना आये तो तेरे ख़याल,

मैं और मेरी आवारगी, और तेरे जमाल का हसीं कमाल

                                                           - अभय सुशीला जगन्नाथ 



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