भूली यादों का उन्माद
भूले से फिर याद आ गए, वो भूले खाबों-जज़्बात,
बचपन की वो भूल भी, आज भूल के भी है याद,
भूल के भी भुला ना सका, तुझे और तेरी हर बात...
मैं और मेरी आवारगी... और भूली यादों का उन्माद
- अभय सुशीला जगन्नाथ
भूले से फिर याद आ गए, वो भूले खाबों-जज़्बात,
बचपन की वो भूल भी, आज भूल के भी है याद,
भूल के भी भुला ना सका, तुझे और तेरी हर बात...
मैं और मेरी आवारगी... और भूली यादों का उन्माद
- अभय सुशीला जगन्नाथ
Comments
Post a Comment