मलाल
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इस बरस फिर से वही मलाल रह जायेगा
हाथो में तेरे नाम का गुलाल रह जायेगा
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मलाल है मुझे भी तेरे गुलाबी गाल का,
रंग बिना दिल-ए-बेताब-ओ-बेहाल का
- अभय सुशीला जगन्नाथ
भीगी थी उस होली के रंग, वो अप्सरा की काया सी,
तन-मन मेरा रंगने वाली, यकीनन जन्मों का साया थी
- अभय सुशीला जगन्नाथ
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