रंगरेज़ मेहरबां...

मुस्कान है बयां कर रहे, उस मेहरबां का हसीं सितम,

हर लम्हे गुनगुना रहे, शेर-ओ-शायरी और हसीं नज़म

रंगीन रंगों का आसमां, सतरंगी मैं और तू रंगरेज़ मेहरबां... 


                                                         - अभय सुशीला जगन्नाथ 



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