Tribute to Father & Mother
नहीं कौन हूँ, नहीं कहाँ हूँ, नहीं क्या हूँ मैं,
ख़ुद की ख़ुदाई के लिए तराशा ख़ुदा हूँ मैं,
धरा है गर ये माँ तो सृजनकर्ता पिता हूँ मैं !
पापा जी की पुण्य तिथि पर, माँ को श्रद्धा सुमन साथ,
दोनों की याद-ओ-आबाद, मैं अभय सुशीला जगन्नाथ !
Who am I not,
Where am I not,
What am I not,
Crafting my own divinity,
I am the God !
If this earth is mother’s heart,
then I’m father, creator not apart !
Remembering Father’s depart,
with Mother’s blessing at heart,
Me, Myself & I…
Abhay Sushila Jagannath !
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