यूँ खिलते फूल तोड़ सजा

 तेरे गुलशन में तू बता, क्या गुलों की कमी थी ऐ खुदा

यूँ खिलते फूल तोड़ सजा, क्यूँ हमको दिया तूने सजा


                                                      - अभय सुशीला जगन्नाथ 



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