Phoenix from Ashes !

One Day !

There would be an empty sky,

Galaxies would disappear or die !

That Day...

Phoenix from ashes will again fly,

Cause our love...

Was always Divine !
 

                          -         Abhay Sushila Jagannath 

एक दिन !

होगा खाली आसमां, 

और मिट जायेगा ये जहां,

जल जायेगा तारों का गुमां, 

फिर इस कहकशां का भी निशां !

उस दिन...

उड़ती राख़ फिर रवां-रवां,

क़यामत के रोज़ होगा बयां,

पाकीज़ा इश्क़ ! तेरा मेरे हमनवां ! 

                        - अभय सुशीला जगन्नाथ 

एक दिन !

होगा खाली आसमां, 

और मिट जायेगा ये जहां,

जल जायेगा तारों का गुमां, 

फिर आकाशगंगा का निशां !

उस दिन...

उसी राख में फिर रवां-रवां,

अजर-अमर प्यार होगा बयां 

सदैव दिव्य यहाँ वहां, उस जहां 



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