फ़र्त-ए-जज़्बात
तस्सवुर को सजा के बूंदों में, तहरीर कर ख़यालात भेजे हैं
हथेलियों में संजो कर पढ़ लेना, जो फ़र्त-ए-जज़्बात भेजे हैं
Writing passionate imagination,
On the droplets of rain...
I had sent my deep emotion,
to breeze your memory lane…
Do read the inception,
through notable impression…
A deed of romantic confession !
💦................✍️
फ़र्त-ए-जज़्बात = गहरी भावना
Deep Emotions
तसव्वुर = एहसास पूर्ण कल्पना
Passionate Imagination
तहरीर = लिखावट
Writing
- अभय सुशीला जगन्नाथ
Your spirit soars high
An unstoppable attitude in the sky
Awesome 👌
Your Inspiration,
Let me Fly,
Fly tooooo high !
निकाल कर कभी फुरसत, मिल जा फिर उसी राह में
खाली हथेलियों को रख हाथ में, ले जा अपनी पनाह में
- अभय सुशीला जगन्नाथ
शायराना सी है जब ज़िंदगी की फ़ज़ा,
तो क्यूँ न ले हम भी शायरी का मज़ा
- अभय सुशीला जगन्नाथ
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