दिलदार, दिलनशीन और दिलफेंक "कैसेनोवा"
इक बाग़बान कई गुल, इक माली दो फूल
दो तीर-ए-नज़र और वो इक इश्क़-ए-भूल
आशिक़-मिज़ाज़ी में यही मोहब्बत-ओ-मूल...
आइये मिलिए इक ऐसी दिलफेंक शख्सियत
जिसके आगे "आशिकी" भी है राहों की धुल
जिसका,
नाम लिख स्कूल में,
तस्वीर छिपा कॉलेज में,
और प्रोफाइल लॉक कर मोबाइल में
आज भी लड़किया आँहें भर-भर सांसे भरती हैं
उस दिलदार, दिलनशीन और दिलफेंक "कैसेनोवा" को
जन्मदिन की ऐसी ही इक माली दो फूल वाली "मौशिकी" के साथ बधाई ...
- अभय सुशीला जगन्नाथ
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