माँ तेरा आँचल चूमते

 ज़िंदगी की राहों में, तेरे सपनों को चुनते,

उन ख़्वाबों को पिरोके, माला एक बुनते,

इक रोज़ मिलूंगा मैं, माँ तेरा आँचल चूमते !


#माँ और #लक्ष्मी #धनतेरस #दिवाली


                                   - अभय सुशीला जगन्नाथ



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