हर लम्हा, हर पल

ज़िन्दगी में न आने वाला कल है,

और ना ही गुज़रा हुआ कल है,

ये ज़िन्दगी तो ऐ मेरे दोस्त 

हर पल दो पल है,

ज़िन्दगी को उसने ही जिया,

जो जीता हर लम्हा, हर पल है

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