दहलीज़ पे इसबार मेरी रख जाना तू पैरों के निशाँ..

मुद्दत से देख रहा हूँ हाथों की रेखाओं का ये जहाँ,

जाने क्यों टूटता नहीं ख़ुदाया इन लकीरों का गुमाँ,

दहलीज़ पे इसबार मेरी रख जाना तू पैरों के निशाँ.. मैं और मेरी आवारगी.. इक श्वेत मुकद्दस हमनवाँ...

#White #Iluminating #Diva #Minerva #श्वेत #उज्ज्वल #देदीप्यमान #देवी #सरस्वती
मुद्दत = Period
लम्बा समय
गुमाँ = अभिमान, अहंकार
Ego or Arrogance
दहलीज़ = दरवाज़े की देहरी या डेहरी या ड्योढ़ी
Floor in the Doorway, or the Doorway itself
मुक़द्दस = Holy, Divine
परम पवित्र, दैदिव्य
- अभय सुशीला जगन्नाथ

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