गड़े मुरदे
अहल-ए-सियासत ने पैग़ाम-ए-मोहब्बात से किया बयाँ
गड़े मुरदे उखाड़ोगे नहीं तो बे-मौत लाशे बिछेंगी कहाँ
असल मुद्दों की राख़ के लिए इक शमशान चाहिए यहाँ
- अभय सुशीला जगन्नाथ
अहल-ए-सियासत ने आवाम को बहका के किया बयाँ
गड़े मुरदे उखाड़ोगे नहीं तो बे-मौत लाशे बिछेंगी कहाँ
असल मुद्दों की राख़ के लिए इक शमशान चाहिए यहाँ
- अभय सुशीला जगन्नाथ
अहल-ए-सियासत ने पैग़ाम-ए-मोहब्बात से किया बयाँ
गड़े मुरदे उखाड़ोगे नहीं तो बे-मौत लाशे बिछेंगी कहाँ
असल मुद्दों को जलाने के लिए इक शमशान चाहिए यहाँ
- अभय सुशीला जगन्नाथ
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