फ़िर अंतिम वो तक़रार सभी

जिससे तुमने किया था इज़हार कभी, और इक इकरार कभी,

मैं खड़ा हूं मुन्तजिर आज भी, लेकर आंखों में इसरार वही,

हो सके तो आकर कर जाना, फ़िर अंतिम वो तक़रार सभी...

#इम्तिहान ए #इन्तजार 💓 #इंतज़ार ए #इन्तहा


                                                     - अभय सुशीला जगन्नाथ 




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