सियाह-रात रौशन-दान

फ़िर ना किसी सियाह-रात का, ज़िंदगी भर को चढ़ा ग़ुमाँ,

इक दिवाली जो रौशन-दान से, हुआ वो आतिश-ए-गुल रवाँ...


#Happy #Diwali #Deepavali #शुभ #दिवाली #दीपावली


                                                     - अभय सुशीला जगन्नाथ 




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