बुद्ध से धम्म और ब्राह्मण से धर्म

एक सूरज से उजियारा,
एक चाँद से नज़ारा,
एक धरती से जीवन का सहारा,
एक खुदा से बंदगी का किनारा।

एक बुद्ध से धम्म की भाषा,
एक ब्राह्मण से धर्म की परिभाषा,
एक तुमसे सरलता की पराकाष्ठा,
एक गुरु से मिली आत्मा की आशा।

ज्ञान की अनुपम रौशनी,
गुरु, साधक, और साधना की,
एक सी मोहनी, एक सी सोहनी ...

                                                     - अभय सुशीला जगन्नाथ 

From childhood to
Youthful fight 
You’ve been a light,
through thick and thin,
A trusted soul, 
a friend within... 
So here’s to you,
on your special day,
My well-wishes find you,
come what may.
May sunshine chase,
the dark clouds away,
And joy be yours,
in every way.

            Abhay Sushila Jagannath 


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