मरना है क्या

आदमी अगर सांसें लेना भूल जाये,
तो वो जिन्दा  नहीं,
आदमी के रगों में लहू दौड़ना भूल जाये,
तो वो जिन्दा नहीं
आदमी अगर खुदा को भूल जाये,
तो वो जिन्दा नहीं,
ये सांसें,
ये लहू,
ये खुदा,
मैं और मेरी आवारगी,
कैसे भूले इनको
मरना है क्या  ;) ;) ;)

                 - अभय सुशीला जगन्नाथ  

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