मुबारक चाँद रात

समझाया था हमने बहुत, कायदे इश्क-ओ-निबाह के, ज़रा बच के रहना सितारों की, ज़ालिम भरी निगाह से, फ़िर भी चाँदनी मुस्काती गुज़री, मुबारक चाँद रात में - अभय सुशीला जगन्नाथ