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Showing posts from December, 2019

PUNCHES

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कुछ सांसें उधर मांगी हैं तुमसे,  आज जान ले के ही दम लेना ... ------------------ मत डर ! मैं भी पागल हूँ तेरे इश्क़ में, दीवाना तो बस लोग यू ही कहते हैं !                            - अभय सुशीला जगन्नाथ 

एक अधूरा वादा

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मैं और मेरी आवारगी, खो जाते हैं जब जब, तेरी यादों में झिलमिल, क्या तुझे पता है तब तब, आज भी उन सीढ़ियों पर, तेज़ धड़कते हैं दो दिल, पहले प्यार का अहसास लिए, पहली बार एक दूजे से मिल ! मैं और मेरी आवारगी, जब जब तुमको ढूंढा किये, अक्सर आंखे बंद कर, तब तब तुझे बुला लिए, उसी नीम पेड़ के नीचे, पहले प्यार का पहला शब्द, " आई लव यू " फिर से कह दिए, और फिर इज़हारे मोहब्बत किये ! मैं और मेरी आवारगी, अकेले होते हैं जब जब, मेरी आँखों में आँखे डाले, उसी रास्ते में तब तब, तू चलती है करने शनासाई, जिस रास्ते से हुयी थी, एक दिन तेरी मेरी जुदाई, और फिर मुलाक़ात का एक अधूरा वादा, करके तेरी खूबसूरत आँखें, फिर से लेते हैं मुझसे बिदाई ! जाने कब होगी, तुझसे मुलाक़ात, जाने कब होगी, तेरी रहनुमाई जाने कब होगा, पूरा वो अधूरा वादा, खुदा जाने या तेरी खुदाई !                        - अभय सुशीला जगन्नाथ 

Real

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today u saw the real ..... carefree , fearless, bold and of course beautiful 😉 Ye FRAME karwa kar rakh leta hoon why not😃 Chawaniya Athaniya Fir Taka Tak Thahaaka 

तू है...

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सुबह आँख खुली, देखा बगल में तू है, नींद में खूबसूरती, जैसे परी हूबहू है, टहलते बाग़ में निकला, फूल भी किसी को, घेरे हुए खड़े थे, देखा कलियों सी तू है, सर्द हवाएँ भी रोज़, खुशबू बिखेरती बहती हैं, फ़िज़ाओं में ये महक, तेरे साँसों की हर सू है, पूजा भी तू , स्नान भी तू, मंदिर भी तू,अज़ान भी तू, आकाश में सूरज ही नहीं, आकाश गंगा का विस्तार ही तू है, ढलती शाम की मदहोशी, सूरज को आगोश में ले डूबी, अपनी काली ज़ुल्फ़ों से रात किये, चाँद सा चेहरा लिए ये तू है, काजल से तेरे रंग चुरा, आँखों में जाम लिए, अपने संग सबको मस्त किये, देख काली तनहा रात भी तू है, हर वक़्त उस तनहा रात में उस वक़्त के हर लम्हात में, मैं और मेरी आवारगी, करते हैं रात भर गुफ्तगू जो, वो अनगिनत अनंत बात भी तो तू है ...                                       - अभय सुशीला जगन्नाथ

रो लेने दे मुझको आज

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रो लेने दे मुझको आज, तेरे दामन से लिपट कर, जाने क्यों आंसूं ही दे रहे, जन्नत-ए-सुकून, इन पलकों में सिमट कर ! तेरे शानों पर सर रखकर, बहाने दे आँखों का समंदर, छुपा ले मुझे अपनी गोद में, और थम जाने दे ये बवंडर, या तो घुटते हुए चुप रहे, या फिर सब बोल दें, भले अनवरत आंसूं बहे, शिकवा-ए-गम एक तू ही तो समझाता है, और किसी से कैसे कहें ! इस अहसास में आज मैं, जी भर कर रो रो दम लूँगा, और करूँगा फिर वही वादा, कि फिर न कभी तुझे गम दूंगा ! गमो को है गुरूर, कि ले कर आयें हैं वो तूफ़ान, और बहा ले जाएंगी, हमको तुमको यहाँ वहां, पर मैं और मेरी आवारगी अपनी इस मोहब्बत पर, करते हैं गुरूर और है गुमान, कि रहेंगे बनकर सांस और जान, ये धरती हो, आकाश हो, या फिर हो वो जहान !                                     - अभय सुशीला जगन्नाथ 

आंवला और आँखों की बेक़रारी

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हे कान्हा ! कुछ ऐसी है मेरी आँखों की बेक़रारी ये देखती सबको है... मगर ढूंढती हैं एक झलक तुम्हारी ! सुन मेरी राधा प्यारी ! तेरी आँखों की बेक़रारी, दूर करेंगी आशिकी हमारी, मोहब्बत इनसे बदस्तूर है जारी, क्यूंकि बेक़रारी में भी दिल को मेरे, क़रार देती हैं बेइंतेहा खूबसूरत आँखें तुम्हारी ...                                                - अभय सुशीला जगन्नाथ ------------------------------------------------------------ एक हसीं परी आजकल, धरती पर आकर, मोहब्बत की बारिश कर रही है, कुछ बूँदें हम पर भी इनायत हो, तो हमने भी दिल कर दिया उनके हवाले, ताकि कुछ नसीब हो हमें भी उस के प्याले, जो बनाएं है उन्होने प्यार से हलवा-ए-आंवले                                                - अभय सुशीला जगन्नाथ 

फ़ना

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जब मेरे दिल में , तेरी साँसे पनाह लेंगी, तो मेरी साँसों को, पहले तेरे दिल में , पाकीज़ा पनाहगाह देंगी, एक रूह और दो दिल, का किया वादा, कुछ ऐसे निबाह देंगी, न हम फ़ना होंगे, न तू फ़ना होगी                - अभय सुशीला जगन्नाथ ---------------------------------------------------- तेरी तस्वीरे हैं या SCREENSAVER तेरे सिवा कुछ दीखता ही नहीं, मेरे LAPTOP में ....                         - अभय सुशीला जगन्नाथ