सुकून की पत्ती, कुल्हड़ वाली चाय, दोपहर की धूप
उबलती इस ज़िंदगी में, फिर सुकून की पत्ती मिलाओ, वही मसालेदार मुस्कान लिए, कुल्हड़ वाली चाय पिलाओ, फिर चुस्कियों में यादें सुलगाओ, फिर आंखें नम कर जाओ... - अभय सुशीला जगन्नाथ ------------------------------------------------------------------- दोपहर की धूप में, घाटों पर घुमाने के लिए, हर शाम #लंकेटिंग पर तेरा, रूठ जाना याद है, हमको अब तक आशिक़ी का, वो ज़माना याद है -- अभय सुशीला जगन्नाथ