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Showing posts from November, 2023

मैं तैनु याद आवांगा, मैं तैनु याद आवांगी

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तेरे संग गुज़ारे, हर वो लम्हात, एक कहानी हो जाते हैं, शोखी-ए-तहरीर, तन्हाई में अक्सर, रूहानी हो जाते हैं पंजाब के एक कॉलेज, एक बार एक दिलचस्प, बनारसी में बोले तो "मस्त" घटना घटी ! एक गायक-गायिका ने एक कॉलेज कार्यक्रम में बढ़िया प्रदर्शन किया और कार्यक्रम समाप्त होने पर आयोजकों ने उन्हें उनकी फीस का भुगतान कर विदा कर दिया ! सफल कार्यक्रम का मौका देख गायक ने मजाकिया अंदाज़ में कहा = "कम से कम मुझे टैक्सी लेने के लिए पैसे तो दे दीजिए ताकि मैं घर जा सकूं।"  इसके बाद लोगों ने उसे 100 रुपये का नोट दे दिया ! जब गायक गायिका कॉलेज से बाहर निकले, तो गायक ने गायिका से  कहा, “मुझे लोकल बस स्टैंड पर छोड़ दो। मैं वहां से घर के लिए बस ले लूंगा।  और मैं इस पैसे से शराब खरीदूंगा” ! हैं न एकदम मस्त मजाकिया गायक  !  I mean fun loving funny singer ! ये कोई पहली बार नहीं था जब गायक इतनी मस्ती कर रहा था , बचपन में वो एक बार क्लास में इतना मजाक कर रहा था कि मास्टर जी के मुँह से निकल गया “ओए आस्या, तू बड़ी मस्तानिया कर रहा है" और उस दिन से इस असा सिंह के साथ ""मस्ताना"'

रौ में है बनारस चला बल्ला

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रौ में है बनारस चला बल्ला, देखिए अब कहाँ थमे, ना गेंद फील्डर के हाथ लगे, ना गेंदबाज की लाइन जमे                                                                  - अभय सुशीला जगन्नाथ 

फूल और कांटें

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 जिसे देख मेरा दिल धड़का, और मेरी जान तड़पती है... उस प्रेमी, आशिक़, आवारा, पागल, मजनू, दीवाने का, तुमसे मिलने को दिल करता है, तुम ही हो जिसपे दिल मरता है, क्योंकि मैंने प्यार तुम्ही से किया है, मैंने दिल ये तुम्ही को दिया है, और अब, दिल ये करता है, बाहों में तेरे, थोड़ा करीब आकर, कानों में तेरे, इस पहली बारिश मैं और तू, ये बात एक दूजे से कहें कि... धीरे धीरे प्यार को बढ़ाना है, हद से गुज़र जाना है ! मुझे बस तुझसे दिल लगाना है, हद से गुज़र जाना है ! Today फूल और कांटें Released ! But year was 1991, 22nd November !                                         - अभय सुशीला जगन्नाथ 

The Sunshine & The Moonlight ! लाली संग, एक लाल !

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As Sun seems falling to darkness, Moon shines the glimpses of light, with rays of hope and benign insight! Ages old beautiful antiquity... The Sunshine & The Moonlight !                                                                - Abhay Sushila Jagannath  --------------------------------------------------------- लाल सिन्दूर लगाये, लाल जोड़े में सजी,  लाल चूड़ी पहने, लाल चुनरी ओढ़े,   छठी माँ की लाली संग, आँचल में एक लाल                                                                            - अभय सुशीला जगन्नाथ ----------------------------------------------------------------------------                                               DLW की वो यादगार छठ पूजा, अब कहानी हो चले हसीन यादों की शोखी-ए-तहरीर, अब रूहानी हो चले                                                              - अभय सुशीला जगन्नाथ 

Mother & her Soul, The Lifeline !

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Looking towards the setting sun, fearing a lonely dark night, I am seeing… A mother… with folded hands very tight, praying while looking upon… A shiny twinkling star so bright ! Up and above heaven in the sky, on that dark gloomy night, I am also seeing… A glittering light, in the same star so bright, as if a soul awaiting for womb, where it will shine with life delight… A sun will rise tomorrow, through the mother’s womb, and surprisingly ! I am seeing… both of them burning inside, to illuminate and enlighten life, keeping dark  gloomy nights beside !   Both align, sparkling with shine ! Enlightening and Illuminating, overcoming the dark dusky time… Mother & her Soul, The Earth's Lifeline ! Praying the Shadowy SUNSET, with the Sanguine SUNSHINE… I am seeing… Souls with Chhathi Maa Divine !                                           - Abhay Sushila Jagannath 

सांझ सवेरे, यादों के घेरे

 मेरे ख्वाबो में तुम फिर आना, नींदे चुराना, और संग घुमाना, मैं और मेरी आवारगी ... और आवारा रोज़ का फ़साना                           - अभय सुशीला जगन्नाथ  ओस की बूंदों की तरह, हर सुबह, हर रोज़ सवेरे, मुझे बेचैन करने आते हैं तेरी यादों के शबनमी घेरे                          - अभय सुशीला जगन्नाथ  --------------------------------------------------- Heartfelt feelings,  of first love are you, Believe my promise, You are last too ... One and only always yours                                - Abhay Sushila Jagannath ------------------------------------------------------ वो सवाल जिसका, जवाब अभी नहीं मिला, तूझसा हसीं कोई, मुझे ख़्वाब भी नही मिला                                   - अभय सुशीला जगन्नाथ ---------------------------------------------------- Splashy & Swanky Beauty  , Ages old  Antiquity ...                         - Abhay Sushila Jagannath ------------------------------------------------ ज़ोर ज़ोर से धड़क रहा दिल ख़्वाबों से निकल न तू  कहीं हक़ीक़त में मुझे मिल                      - अभय स

माई तू एक, तोर रूप अनेक !

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सून कइके अंगना-आ-दुआर, अन्हरिया गइलीं दुरगा माई, चकमक-जगमग अंजोर लिहले, चमकत अइली लक्ष्मी माई, उनका से पूछले सूरज भाई, अकेले हम का करब ए माई, मुसका के कहली छठी माई, अरघ प रउवा, भोरे-भोरे आयीं ! माई तू एक, तोर रूप अनेक ! का अब लिखीं, कइसे बतायीं...                     - अभय सुशीला जगन्नाथ 

Devil Quintessence

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A girl with pretty face, drives me crazy... Such is her beauty essence ! My wild like madness, is controlled by… Epitome of her elegance ! But today… I am Crazy ! I am Mad ! I am Wild ! Cause I am with her… Devil Quintessence !                       - Abhay Sushila Jagannath

Moonshine & Sunshine & Karwa Chauth

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Romancing and funning together, in life for the first time ! Enjoying the heaven’s pleasure, in an ambience so benign ! Promising and committing each other, in a mood that words can’t define ! Fantasizing and wishing you, the same ether, and same time ! This Karwa Chauth to the Lovers… Moonshine & Sunshine                        - Abhay Sushila Jagannath 

करवाचौथ

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साइकिल की तीलियों बीच, खिड़की की जालियों ने था देखा, अक्सरहां दोनों के दरम्यां, बिना चौथ बनती वो छलनी रेखा,  पुरानी है रूठने-मनाने में, भूखे सताने की वो व्रत कथा #KarwaChauth #करवाचौथ                                   - अभय सुशीला जगन्नाथ  ------------------------------------------------ साइकिल की तीलियों बीच, खिड़की की जालियों ने था देखा, अक्सरहां दोनों के दरम्यां, बिना चौथ के बनती वो छलनी रेखा, पुरानी है रूठने-मनाने में, भूखे रह सताने की वो व्रत कथा KarwaChauth करवाचौथ                                                    - अभय सुशीला जगन्नाथ