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Showing posts from July, 2019

परी

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चाँद से उतर कर ज़मीन पर, एक खूबसूरत परी आयी है, आज तक आसमां ने उसके लिए, चमकते सितारे बिछा रखे हैं                            - अभय सुशीला जगन्नाथ मैं शब्द रखता हूँ, वो ज़ज्बात उठाती है, मेरे कोरे कागज़ों पर, किसी कविता सी उतर जाती है, पर पूरी कविता में भी, वो कहाँ खरी उतरती है, उसके विस्तार को समझ, ज़ेहन में यही बात उभरती है, रोज़ रोज़ भला जन्नत से, कहाँ ऐसी परी उतरती है !              - अभय सुशीला जगन्नाथ ------------------------------------------------------- अपने हसीन लब की मुस्कान से, ग़मज़दा चेहरे को रफ़ू न करों, आँखों के रस्ते आज भी हम, तेरे दिल का हाल जान लेते हैं ...                              - अभय सुशीला जगन्नाथ --------------------------------------------------------- When the moon, Is shining in the sky, You are the brightest star, Of my life ... Angel ! Good Night !                       - Abhay Sushila Jagannath 

फूल और माली

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आज जो है, वो कल भी था, जो कल होना होगा, वो बरसों पहले भी, ज़रूर हुआ होगा, कोई फूल किसी बाग़ में, कहाँ ऐसे खिलता है, ज़रूर माली से उस फूल का, जन्म जन्मान्तर का रिश्ता है, तभी तो वो सूंदर फूल, उस माली से जा मिलता है, फूल के जन्मदिन की माली को हार्दिक शुभकामनाएं                                                               - अभय सुशीला जगन्नाथ

किताब

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तेरा वज़ूद एक किताब सा है, समझने वालों के लिए अल्फ़ाज़, बंद हो तो एक ख़ामोशी समेटे                           - अभय सुशीला जगन्नाथ --------------------------------------- तू एक किताब सी है, बंद, शांत और खामोश, और पढ़ कर समझने के लिए, ज्ञान की देवी, सरस्वती !                         - अभय सुशीला जगन्नाथ 

साड्डा चिड़िया दा चम्बा वे बाबल असा उड जाणा

Sada chirian da chamba ve babla Asan ud jana, asan ud jana This was our temporary nest of birds, O father! Tomorrow I will fly  Bethi janj boha mal kay  Hona main pardaisan bhal kay   Ghar dian kunjian samb lay maan ni  Asan ud jana, asan ud jana Sada chiran da chamba… Marriage party is sitting outside  Tomorrow I will be in next country  Please take care of home keys  Tomorrow we will fly.  This was our temporary nest of birds, O father!   Tomorrow I will fly  Jithay khaiday gudian patolay Jind aj osay ghar vich dolay Dard sunay aj kon ve Asan ud jana, asan ud jana  Sada chiran da chamba… The place where I played dolls.  My heart is lost in that place.  Who will feel my pain?  This was our temporary nest of birds,O father! Tomorrow I will fly.  Ambri babal veer pe takday  Likhian noon o mor na sakday  Tut gaye saray maan ve  Asan ud jana, asan ud jana  Sada chiran da chamba… Today my brothers are lookin

जवाँ जवाँ

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कभी फीका न पड़ेगा, तेरा हुस्न, उम्र दराज़ हो चाहे, दोनों जहाँ, खुदा की इनायत है तुझपे, रवाँ रवाँ ! मेरी शायरी में तू हमेशा, एक परी, एक अप्सरा, जवाँ जवाँ ...                     - अभय सुशीला जगन्नाथ कभी फीका न पड़ेगा तेरा हुस्न, उम्र दराज़ हो जाये चाहे दोनों जहाँ, खुदा की इनायत है तुझपे रवाँ रवाँ और मेरी शायरी में तू हमेशा जवाँ जवाँ                                    - अभय सुशीला जगन्नाथ 

दोस्त, दोस्ती और दोस्ताना

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जन्मदिन तो आते जाते रहेंगे, पर वो हसीन ख्यालात, और उनमें आपका साथ, ता उम्र हम सजा के रखेंगे, वो लम्हात, ज़िन्दगी भर जो तुमने दिया, दोस्त, दोस्ती और दोस्ताना, मेरा बहुमूल्य सौगात !                   - अभय सुशीला जगन्नाथ ------------------------------------------- अपने हसीं लब की मुस्कान से, ग़मज़दा चेहरे को रफ़ू न करों, आँखों के रस्ते आज भी हम, तेरे दिल का हाल जान लेते हैं                    - अभय सुशीला जगन्नाथ ---------------------------------------------- तेरी आंखें मुझे किताब सी लगती है, बंद हो तो एक ख़ामोशी, खुल जाये तो अनगिनत अफ़साने                       -  अभय सुशीला जगन्नाथ -  -  -  -  -   -   -   -   -   -   -   -   -   - तेरा वज़ूद एक किताब सा है, समझने वालों के लिए अल्फ़ाज़, बंद हो तो एक ख़ामोशी समेटे                           - अभय सुशीला जगन्नाथ -   -   -   -   -   -   -   -   -   -    -   -   - तू एक किताब सी है, बंद, शांत और खामोश, पढ़ कर समझने के लिए, ज्ञान की देवी, सरस्वती !                      - अभय सुशीला जगन्नाथ -----------------------

मेरा जरिया-ए-इबादत

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न माला, न मंतर, न पूजा, न सजदा फिर कैसी इबादत, तू जूनून-ए-सुकून, तू मेरी आदत, शायद तू नहीं, न तेरी मोहब्बत ! तेरा खुदाया अक्श, मेरा जरिया-ए-इबादत !                     - अभय सुशीला जगन्नाथ एक दूजे से नहीं, रिश्ता खुदा से है मोहब्बत का, एक दूजे के अंदर रचा बसा, जो जरिया तेरी मेरी इबादत का, शामिल है वो तुझमें मुझमें, बचपन से एक आदत सा                     - अभय सुशीला जगन्नाथ एक दूजे से नहीं, उस खुदा से मोहब्बत है, जो शामिल है आदत सा, एक दूजे के अंदर बसा, जो जरिया है इबादत का !                        - अभय सुशीला जगन्नाथ 

इकरार और इनकार का इज़हार

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बचपन में सिर्फ दो उँगलियों से, दोस्ती और तक़रार दर्शाया, उसने अपनी  मैकश आँखों से , इकरार और इनकार समझाया !                            - अभय कुमार राय ------------------------------------------------- बचपन में सिर्फ दो उँगलियों से, दोस्ती और तक़रार समझाया करते थे, वो जनाब अपनी  मैकश आँखों से , इकरार और इनकार का इज़हार, किस हसीं अंदाज़ से दर्शाया करते थे                              - अभय कुमार राय ------------------------------------------------- बचपन में सिर्फ दो उँगलियों से, दोस्ती और तक़रार समझा दिया, अपनी  मैकश आँखों से जनाब ने, इकरार और इनकार का इज़हार किया                                                   - अभय कुमार राय ------------------------------------------------------- बचपन में सिर्फ दो उँगलियों से, दोस्ती और तक़रार समझा दिया करते थे, अब तो लोग गले मिल कर भी, एक दूसरे से ख़ौफ़ज़दा रहते हैं                            - अभय कुमार राय   

" कुछ नहीं "

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वो हंसती रहती है, यदा कदा गुस्साती भी है, और कभी कभी अक्सर, बेवजह गुमसुम हो जाती है, और फिर पूछने पर, " कुछ नहीं " बोल बस मुस्काती है ! चुपचाप करती है बातें, फिर उसकी ये खामोशियाँ, चुपचाप सुनती है बातें, फिर उसकी ही तन्हाईयाँ, बेचैन सी हर सांस, अन्जाना सा एहसास, शायद दस्तक देती रहती है, दिल में यादों की अंगड़ाइयां !                       - अभय सुशीला जगन्नाथ ------------------------------------------------------ वो हंसती रहती है, यदा कदा गुस्साती भी है, और कभी कभी अक्सर, बेवजह गुमसुम हो जाती है, और फिर पूछने पर, " कुछ नहीं " बोल बस मुस्काती है, चुपचाप करती है बातें, फिर उसकी ये खामोशियाँ, चुपचाप सुनती है बातें, फिर उसकी ही तन्हाईयाँ, बेचैन सी हर सांस है, अन्जाना सा एहसास है                       - अभय सुशीला जगन्नाथ 

नैनो से इश्क़ का नशा !

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नैनो ने इश्क़ का वो नशा गढ़ा, साकी, मैखाना और शराब, किसी का न फिर नशा चढ़ा !                         - अभय सुशीला जगन्नाथ -------------------------------------------- नैनो ने इश्क़ का, क्या हसीन नशा गढ़ा, किसी का न फिर, कभी कोई नशा चढ़ा, साकी, मैखाना और शराब, सब यूँ ही तकते रह गए, मंजिल-ए-सफर की ओर, ले कर तू मुझे कुछ ऐसा बढ़ा !                               - अभय सुशीला जगन्नाथ ---------------------------------------------- तेरे नैनो ने जाने क्या नशा गढ़ा, फिर उम्र भर न कोई नशा चढ़ा                                   - अभय सुशीला जगन्नाथ -------------------------------------- तेरे नैनो ने इश्क़ क्या गढ़ा, हर नशा फिर फीका पड़ा                         - अभय सुशीला जगन्नाथ 

Love Stories always Lasts !

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First is always Last, Because, That is only that Lasts !                            - Abhay Sushila Jagannath ----------------------------------------------------------------   Some stories are made, In Heaven, Love Stories are made, In Hearts !                        -Abhay Sushila Jagannath --------------------------------------------------------------- Love Stories always live, Actor & Director do dies ...                           -Abhay Sushila Jagannath ------------------------------------------------------------- Future, Present or Past Love Stories always live, Always last ...                            - Abhay Kumar Rai